Monday, May 26, 2025
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Homeनगर निकाय चुनाववार्ड 53: राजनीतिक विरासत लेकर निकाय चुनाव में पदार्पण की दस्तक

वार्ड 53: राजनीतिक विरासत लेकर निकाय चुनाव में पदार्पण की दस्तक

 

DEHRADUN: देहरादून जनपद का माता मंदिर वार्ड नंबर 53 अजबपुर कला, शैक्षिक एवं व्यावसायिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, लेकिन इस क्षेत्र में आज भी जनता को विकास की दरकार है और यहां स्थानीय विकास का संकल्प को लेकर कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर युवा चेहरे क्षितिज फरासी को पार्टी ने मैदान में उतारा है। युवा होने के साथ ही वे शिक्षित भी है जबकि पृष्ठभूमि के तौर पर उन्हें राजनीति और समाज से जुड़े रहने की योग्यता अपने पिता भूपेंद्र फरासी से मिली है।
बता दें कि उनके पिता भूपेंद्र फारसी स्वयं भी पहले अजबपुर क्षेत्र के प्रधान एवं बाद में पार्षद रह चुके हैं। शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े होने के कारण उनकी बौद्धिक क्षमता आमजन की भावनाओं और उनकी बुनियादी आवश्यकताओं से जुड़ी हुई है जिसका अनुसरण करते हुए अब उनके पुत्र क्षितिज फरासी भी राजनीति में अपना भाग्य आजमाने के लिए उतरे हैं।
माता मंदिर वार्ड नंबर 53 में अब तक यह सीट भारतीय जनता पार्टी के निवर्तमान पार्षद अनूप नौडियाल के पास थी जो इस बार टिकट न मिलने के कारण निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं चुनौती देने के लिए भारतीय जनता पार्टी से विमल उनियाल तो निर्दलीय ही आशीष कंडवाल भी मैदान में है।
चुनावी जंग की बात करें तो क्षेत्र से जो रुझान प्रचार प्रसार के तौर पर देखने को मिले हैं उनमें निश्चित तौर पर कांग्रेस के  क्षितिज फरासी को अन्य उम्मीदवारों पर भारी पड़ता हुआ देखा गया है। पुत्र को राजनीति के प्लेटफार्म पर तैयार करने के लिए उनके पिता भूपेंद्र फरासी भी स्वयं एक “कार्यकर्ता” की भूमिका में खड़े हुए हैं जबकि स्थानीय प्रतिष्ठित परिवार होने के कारण पार्षद पद के प्रत्याशी क्षितिज फारसी क्षेत्र के लोगों के लिए एक पहचान वाले चेहरे हैं।
पार्षद चुनावों से राजनीति के प्लेटफार्म पर उतरे क्षितिज फरासी के लिए आगे की राह चुनौती पूर्ण है, लेकिन इस निकाय चुनावों में उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान स्थानीय लोगों से जिस प्रकार की व्यावहारिकता एवं मेलजोल का कौशल पेश किया है वह निकाय चुनाव में उन्हें एक सम्मानजनक स्थिति में खड़ा करने के लिए काफी है। निश्चित तौर पर वार्ड 53 में कांटे का मुकाबला होने के आसार हैं लेकिन कहीं न कहीं वोटो के ध्रुवीकरण का लाभ भी इस वार्ड में कांग्रेस को मिलने की भी संभावना नजर आती है।

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